अधिगम विकास के सिद्धांत

सीटीईटी और टीईटी परीक्षा के लिए बाल विकास में सीखना और विकास सिद्धांत का बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक हैं सभी टीईटी परीक्षा में हर साल विकास सिद्धांत से  2 से 3 प्रश्न पूछे जाते है।  यहां हम अधिगम और विकास संबंधी सिद्धांतों के कुछ "आकर्षक शब्द" की सूची साझा करते हैं, यह आकर्षक शब्द सभी विकास सिद्धांतों को जानने में मदद करेगा।

अधिगम सिद्धांत के विकास संबंधी विचार

आचरण (Behaviourism)कोग्निटिविज्‍़म (Cognitivism)रचनावाद (Constructivism)समाकृति सिद्धांत (Gestalt theory)

अधिगम सिद्धांत  का दृष्टिकोण

1. आचरण सिद्धांत थोर्नडाइक, पावलोव, वॉटसन, हल, टॉलमैन, स्किनर द्वारा दिए गए हैं।

मुख्‍य विचार: सीखना (लर्निंग) व्‍यवहार में परिवर्तन लाता है।केन्‍द्रीय विचार की प्रेरणा बाह्य वातावरण में मौजूद है।शिक्षा में इस्तेमाल व्यवहार में वांछित परिवर्तन (छात्रों के व्‍यवहार)।वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए बच्चे की मदद करने और अनुकूल वातावरण बनाने में शिक्षक की भूमिका।

2. कोग्निटिविज्‍़म सिद्धांत जीन पियागेट, कुर्ट लेविन द्वारा दिाया गया है।

मुख्‍य विचार प्रक्रिया आंतरिक कार्यों पर आधारित है जैसे अंतर्दृष्टि, स्‍मृति, धारणा, सोच, सूचना प्रसंस्‍करण इत्‍यादि।केन्‍द्रीय बिन्‍दु आंतरिक संज्ञानात्‍मक संरचनाएं ।शिक्षा में उपयोग संज्ञानात्‍मक दृष्टिकोण पर आधारित क्षमताओं और संभावनाओं को विकसित करता है।शिक्षकों की भूमिका संज्ञानात्‍मक पहलुओं पर ध्‍यान केन्द्रित करना है

3. रचनावाद यह सिद्धांत लेव यगोत्‍सी, ब्रूनर द्वारा दिया गया है

मुख्‍य विचार ज्ञान एक निर्माण इकाई हैकेन्‍द्रीय बिन्‍दु हम अनुभवों का ज्ञान बनाने के आधार पर इस पूरी दुनिया की समझ का निर्माण करते हैं।एजुकेशन लर्निंग प्रोसिस में उपयोग केवल प्राथमिक और एकमात्र अवधारणाओं पर आधारित होना चाहिए न केवल वास्‍तविक जानकारी पर आधारित।शिक्षक की भूमिका के सामाजिक पहलुओं को उचित स्थान दिया जाना चाहिए।

4. समाकृति सिद्धांत यह सिद्धांत कोहलर, कोफ्फका, वेर्थेमर द्वारा दिया गया है।

मुख्य विचार उच्च क्रम संज्ञानात्मक पहलुओं और प्रक्रियाएं मस्तिष्क में जारी रहती हैं।केंद्रीय विचार प्रत्‍येक संज्ञानात्मक जानकारी हमारे मस्तिष्क में सार्थक प्रतिमानों या एक पूर्ण संगठित के रूप में पास होती है।शिक्षा में उपयोग एक समस्या को सुलझाने के लिए पहले से ही प्राप्त अनुभव और ज्ञान को लागू किया जाना चाहिए और सीखने (लर्निंग) पर "समस्या सुलझाने के लिए" के रूप में विचार किया जाना चाहिए।

 

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