चंद्रयान-2 (Imp.for RAS mains paper 2.)

चंद्रयान-2 (Imp.for RAS mains paper 2.)

01. भारत का चंद्रयान -1 के बाद दूसरा चंद्र अन्वेषण अभियान है। जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) ने विकसित किया है। अभियान को जीएसएलवी प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपण करने की योजना है। इस अभियान में भारत में निर्मित एक लूनर ऑर्बिटर (चन्द्र यान) तथा एक रोवर एवं एक लैंडर शामिल होंगे। इस सब का विकास इसरो द्वारा किया जायेगा। भारत चंद्रयान-2 को 2018 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण करने की योजना बना रहा है।

02. यह अभियान विभिन्न नयी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल तथा परीक्षण के साथ-साथ 'नए' प्रयोगों को भी करेगा .पहिएदार रोवर चन्द्रमा की सतह पर चलेगा तथा ऑन-साइट विश्लेषण के लिए मिट्टी या चट्टान के नमूनों को एकत्र करेगा। आंकड़ों को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के माध्यम से पृथ्वी पर भेजा जायेगा।
यह अंतरिक्षयान ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर का संयोजित मॉडल है
03. चंद्रयान-1 से अलग चंद्रयान-2 में रोवर के साथ सॉफ्ट लैंडर भी होगा, जो चांद की सतह पर अगले स्तर के वैज्ञानिक अध्ययन करेगा। चंद्रमा की सतह के लिए बेहद महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी।

लाभ :
01.इस अभियान से नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल तथा परीक्षण के साथ-साथ नए प्रयोगों को बढ़ावा मिलेगा।
02. पहिएदार रोवर चन्द्रमा की सतह पर चलेगा तथा ऑन-साइट विश्लेषण के लिए मिट्टी या चट्टान के नमूनों को एकत्र करेगा। इन आंकड़ों को चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के माध्यम से पृथ्वी पर भेजा जायेगा।
03. चंद्रयान-2 के तहत लैंडर चंद्रमा के एक विशिष्ट जगह पर रोवर को तैनात करेगा, जिससे चंद्रमा की सतह पर मौजूद खनिज के साथ सतह की भी पूरी जानकारी हासिल की जा सकेगी।
04.चंद्रमा के सतह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकेंगी

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